सतत विकास और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (एसडी-सीएसआर)
कॉर्पोरेटसामाजिकउत्तरदायित्व (सीएसआर)
सीएसआर एक ऐसा माध्यम है जो गरीबी, भूख और सामाजिक न्याय जैसे बड़े सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए कॉरपोरेट नागरिकों की भागीदारी का आह्वान करता है। यह बड़े पैमाने पर सामाजिक उद्देश्यों की सतत प्रगति और विकास की दिशा में कॉरपोरेट और सामाजिक क्षेत्र की एजेंसियों के प्रयासों में तालमेल बिठाता है।
दृष्टिकोण :
हमारे संस्थापक श्री अम्मेम्बल सुब्बा राव पै का दृष्टांत वाक्य, “एक अच्छा बैंक न केवल समुदाय का वित्तीय हृदय होता है, बल्कि उस पर आम लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए हर संभव तरीके से मदद करने का दायित्व भी होता है”, बैंक की सीएसआर गतिविधियों का मार्गदर्शी सिद्धांत है।
कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत बैंक की प्रमुख पहलों के अंतर्गत न्यासों और संस्थानों की स्थापना करना है जिनका जनता और समाज की सेवा पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। बैंक ने दो न्यासों की स्थापना की है।
·केनरा शताब्दी ग्रामीण विकास न्यास
·केनरा वित्तीय सलाहकार न्यास
कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत बैंक ने इन न्यासों को सक्रिय रूप से वित्त पोषित करना और इनकी गतिविधियों में शामिल होना जारी रखा है। इसके अतिरिक्त, बैंक ने निम्नलिखित न्यासों को उनके संस्थापक सदस्य के रूप में स्थापित करने में सुविधा प्रदान की है:
·केनरा जुबली एजुकेशन
·केनरा बैंक राहत एवं कल्याण सोसायटी
केनरा बैंक की सतत विकास और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (एसडी व सीएसआर) नीति के रूप में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और वहनीयता पर सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के दिशानिर्देशों के आधार पर बैंक की सीएसआर नीति की समीक्षा की जाती है और उसे अद्यतन किया जाता है।
नये कंपनी अधिनियम 2013 (29.08.2013 को अधिनियमित) ने देश में सीएसआर गतिविधियों को एक दिशा देते हुए नये प्रावधान लागू किए जिससे बैंक को नये कंपनी अधिनियम की अपेक्षाओं के अनुरूप नीति की समीक्षा करने और उसे अद्यतन करने की आवश्यकता पैदा हुई।
मिशन :
एक सतत तिहरी आधारभूत (ट्रिपल बॉटम लाइन) प्रगति हासिल करने के लिए कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) एक सामरिक व्यावसायिक पहल है। कॉरपोरेट प्रतिष्ठा के निर्माण, लोगों की सेवा करने के लिए नए तरीके खोजने में बैंक के प्रयास और कर्मचारियों की भागीदारी के लिए सीएसआर एक निवेश होगा। इसका मुख्य उद्देश्य “कमज़ोर और अविकसित वर्ग के लोगों के जीवन स्तर में सुधार को लक्ष्य बनाते हुए आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के विषयगत क्षेत्रों में अपने या अन्य प्रतिष्ठित और समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ साझेदारी में भली-भांति डिज़ाइन किए गए, निदेशित और सतत अंतःक्षेप के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय सफलता एवं हमारे बैंक और समूह की ब्रांड छवि पर सकारात्मक प्रभाव डालना है।”
मुख्य और लक्ष्य समूह :
बैंक की सीएसआर गतिविधियां वंचित, सीमांत और अपवर्जित पर केंद्रित हैं। तदनुसार, हमारी सभी सीएसआर गतिविधियां निम्नलिखित कमज़ोर और अविकसित वर्ग के लोगों पर केंद्रित होंगी।
·छोटे और सीमांत किसान, कारीगर
·महिलाएं, बालिकाएं, बेरोज़गार युवा और पढ़ाई पूरी करने से पहले स्कूल छोड़ने वाले बच्चे
·दिव्यांगजन, अनुसूचित जाति/जनजाति
·अल्पसंख्यक समुदाय, कैदी और पूर्व-अपराधी
·जघन्य अपराधों के पीड़ित, प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के पीड़ित
भूमिकाएं और उत्तरदायित्व :
क)गतिविधियां :
1)स्वच्छ भारत गतिविधियों के तहत भूख, गरीबी और कुपोषण का उन्मूलन, निवारक स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छता को बढ़ावा देना और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना।
2)शिक्षा, जिसमें बच्चों, महिलाओं, बुज़ुर्गों और दिव्यांगजनों के बीच व्यवसाय कौशल में बढ़ोतरी करने के लिए विशेष शिक्षा और रोज़गार शामिल है और आजीविका संवर्धन परियोजनाओं को बढ़ावा देना;
3)लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, महिला सशक्तिकरण, महिलाओं व अनाश्रितों के लिए घरों व छात्रावासों की व्यवस्था करना, वृद्धाश्रमों की स्थापना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए डे केयर सेंटर्स और ऐसी अन्य सुविधाएं और सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों द्वारा सामना की जाने वाली असमानताओं को कम करने के लिए उपाय करना।
4)पर्यावरणीय स्थिरता, पारिस्थितिक संतुलन, वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा, पशु कल्याण, कृषि वानिकी, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और मिट्टी, वायु और पानी की गुणवत्ता बनाए रखना सुनिश्चित करना।
5)राष्ट्रीय धरोहर, कला और संस्कृति का संरक्षण जिसमें ऐतिहासिक और कलात्मक महत्व की इमारतों और स्थलों का उद्धार, सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना, पारंपरिक कला और हस्तशिल्प का प्रचार और विकास शामिल है।
6)सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों को लाभ पहुंचाने हेतु उपाय।
7)ग्रामीण खेलों, राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेलों, पैरालंपिक खेलों और ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण।
8)केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित शैक्षणिक संस्थानों के भीतर स्थित प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेटरों को प्रदान किया गया योगदान या निधि।
9)ग्रामीण विकास परियोजनाएं
10)मुख्य गतिविधियां
·बैंक ने अपने केनरा बैंक शताब्दी ग्रामीण विकास न्यास (सीबीसीआरडीटी) के माध्यम से 46 विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की है जिनमें 38 ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान, 3 कारीगर प्रशिक्षण संस्थान और ग्रामीण युवाओं के बीच उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने और उन्हें स्वरोज़गार गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 5 सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान शामिल हैं। बैंक ने 17 राज्यों में 27 ग्रामीण विकास एवं स्व रोज़गार प्रशिक्षण संस्थानों (रुडसेटी) को सह-प्रायोजित किया है, जो ग्रामीण युवाओं को स्व-रोज़गार कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रशिक्षण देने में लगे हुए हैं। बैंक ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ हैदराबाद में ग्रामीण एवं उद्यमिता विकास बैंकर संस्थान को सह-प्रायोजित किया है और उत्तर कर्नाटक ज़िले के एक पिछड़े क्षेत्र हलियाल में केनरा बैंक देशपांडे ग्रामीण स्व रोज़गार प्रशिक्षण संस्थान को भी सह-प्रायोजित किया है। बैंक ने बागलकोट में कर्नाटक किसान संसाधन केंद्र की स्थापना में सहायता की है।
·केनरा विद्याज्योति - अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी की मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई योजना और डॉ. बी आर अंबेडकर को श्रद्धांजलि के रूप में शुरू की गई। योजना का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों, जहां स्कूल छोड़ने वालों की संख्या अधिक थी, की बालिकाओं के बीच शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना केनरा बैंक की प्रत्येक ग्रामीण, अर्ध शहरी और शहरी शाखाओं के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
भौगोलिक क्षेत्र : अखिल भारतीय उपस्थिति के साथ केनरा बैंक, सीएसआर गतिविधियां देश में कहीं भी आयोजित की जा सकती हैं, हमारी शाखाओं के सेवा क्षेत्र/कमांड क्षेत्र, आर्थिक रूप से पिछड़े जिले (पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के लिए योजना आयोग द्वारा चिह्नित), अल्पसंख्यकों की सघनता वाले जिले, अनुसूचित जाति और जनजाति और अन्य अविकसित क्षेत्र।
उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कार्यनीति :
बैंक समान विचारधारा वाले प्रतिष्ठित संगठनों जैसे सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, स्वैच्छिक एजेंसियों, सिविल सोसायटी संगठनों, सामाजिक उद्यमियों, कंपनियों, समुदाय आधारित संगठनों, न्यासों/मिशनों, स्वयं सहायता समूहों, संस्थानों/शैक्षणिक संगठनों के साथ भी भागीदारी करेगा। साझेदारी के मामले में, बैंक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के रूप में आपसी अपेक्षाओं और प्रभाव मैट्रिक्स का प्रलेखीकरण करेगा।
हमारे अपने न्यासों और साझेदारियों के साथ-साथ संपूर्ण सीएसआर पोर्टफोलियो की गतिविधियों की वार्षिक समीक्षा की जानी चाहिए ताकि इससे सीख ली जा सके और कार्यान्वयन के समय सुधार पर निर्णय लिया जा सके।
बैंक अपनी सीएसआर गतिविधियों के तहत सृजित प्रभाव का दस्तावेजीकरण करने के दृष्टिकोण का भी पालन करेगा जिसमें तीसरे पक्ष के निर्धारण और मूल्यांकन की प्रणाली शामिल की जा सकती है।
बैंक कर्मचारियों को सीएसआर गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास करेगा और यथा संभव कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति, समिति/न्यासों के पदधारी सदस्यों के रूप में कर्मचारियों को नामित कर प्रबंधकीय और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगा और सीएसआर गतिविधियों को आयोजित करने के लिए कर्मचारी सदस्यों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगा। बैंक कर्मचारियों को स्वैच्छिक आधार पर सीएसआर गतिविधियों में भाग लेने के अवसर भी दे सकता है और ऐसी प्रतिभागिताओं के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक पुरस्कार/सम्मान भी शुरू कर सकता है।
बैंक अपने विवेकानुसार, अपने और/या संयुक्त रूप से प्रायोजित केंद्रों को अनुदान, सब्सिडी, दान, आस्ति के किसी भी रूप में सहायता, जो केंद्र को अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने में सहयोग करेगी, को स्वीकार करने की अनुमति दे सकता है।
Last Updated on:17/06/2022|Total Visitors(01/04/2021 to Now) :Today Visitors:511627