हमारे बारे में


इतिहास

" एक अच्छा बैंक न केवल समाज का वित्तीय हृदय होता है, बल्कि आम आदमी की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव तरीके से प्रयास करना उसकी जिम्मेदारी है"
हमारे प्रिय संस्थापक स्वर्गीय श्री अम्मेम्बाल सुबबाराव पै

स्थापना के सिद्धांत

  1. अंधविश्वास और अज्ञान को दूर करना
  2. पहले सिद्धांत की पूर्ति हेतु शिक्षा का प्रसार करना
  3. मितव्ययिता एवं बचत की आदत विकसित करना
  4. वित्तीय संस्था को न केवल समाज का वित्तीय हृदय बल्कि सामाजिक हृदय बनाना
  5. ज़रूरतमंदों की मदद करना
  6. सेवा और समर्पण की भावना के साथ काम करना
  7. सहजीवियों के प्रति चिंता तथा परिवर्तन लाने/तकलीफ और दिक्कतों को दूर करने की दृष्टि से परिवेश के प्रति संवेदना विकसित करना.

बैंक का संक्षिप्त रेखाचित्र

केनरा बैंक व्यापक रूप से अपनी ग्राहक केन्द्रिता के लिए जाना जाता है, जिसकी स्थापना एक महान दूरदर्शी और परोपकारी श्री अम्मेम्बाल सुब्बा राव पै ने जुलाई 1906 में मंगलोर में की थी, जो उस समय कर्नाटक का एक छोटा बंदरगाह शहर था। बैंक अपने अस्तित्व के सौ वर्षों में अपने विकास पथ के विभिन्न चरणों से गुज़रा है। विशेष रूप से वर्ष 1969 में राष्ट्रीयकरण के बाद केनरा बैंक का विकास असाधारण रहा जहां बैंक ने भौगोलिक पहुंच और ग्राहक वर्ग के मामले में राष्ट्रीय स्तर की संस्था का दर्जा प्राप्त किया। अस्सी के दशक में बैंक के लिए कारोबार विविधीकरण का दौर था। जून 2006 में, बैंक ने भारतीय बैंकिंग उद्योग में परिचालन की एक शताब्दी पूरी की। बैंक की इस महत्वपूर्ण यात्रा में कई यादगार मील के पत्थर हैं। आज, केनरा बैंक भारतीय बैंकों के बीच एक प्रमुख स्थान रखता है।

संकल्पना

उद्योग बेंचमार्क का अनुसरण करते हुए लाभप्रदता, परिचालन दक्षता, आस्ति गुणवत्ता, जोखिम प्रबंधन और डिजिटल नवाचार के मामले में बैंक को सर्वश्रेष्ठ बैंक के रूप में स्थापित करना।

उद्देश्य

अत्याधुनिक बैंकिंग समाधान प्रदान करना, प्रौद्योगिकी का अधिकतम लाभ उठाना, कारोबार संचालन को आसान बनाने में सहायता प्रदान करना और समावेशी विकास के माध्यम से सभी हितधारकों के लिए मूल्य संवर्द्धन करना।

पुरस्कार और उपलब्धियां

वर्ष 2022-23 के दौरान अब तक प्राप्त पुरस्कार व प्रशस्तियाँ :-
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Last Updated on: 15/05/2023 |   Total Visitors(01/04/2021 to Now) : 14588     Today Visitors: 218961